वेब 3.0 क्या है इसके क्या उपयोग हैं?और कैसे काम करता है?

वेब 3.0 क्या है और इसके क्या उपयोग हैं?

Web3 kya hai in hindi

Web3 एक नया इंटरनेट युग है जो इंटरनेट को डिसेंट्रलाइज़्ड (विकेंद्रीकृत) और यूजर-कंट्रोल्ड बनाता है। इसमें इंटरनेट की शक्ति कंपनियों के बजाय यूज़र्स के हाथों में होती है। Web3 में डेटा, ऐप्स और डिजिटल पहचान सब कुछ ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है। यह Web 1.0 और Web 2.0 के बाद आने वाली तीसरी पीढ़ी है। वेब3, जिसे वेब 3.0 भी कहा जाता है!

वर्ल्ड वाइड वेब का एक नया संस्करण है जो विकेंद्रीकरण, ब्लॉकचेन तकनीक और टोकन-आधारित अर्थशास्त्र जैसी अवधारणाओं पर आधारित है। यह वर्तमान वेब 2.0 की तुलना में अधिक उपयोगकर्ता-केंद्रित, सुरक्षित और पारदर्शी होने का वादा करता है। Web3 का लक्ष्य है कि इंटरनेट ज्यादा स्वतंत्र, सुरक्षित और पारदर्शी बने जो यूजर को कंट्रोल, कमाई और सुरक्षा दे। यह आज के Web2 मॉडल से कहीं आगे है, जहां हम सिर्फ उपभोक्ता होते हैं।

Web3 में हम खुद अपने डेटा, पहचान और डिजिटल दुनिया के मालिक होते हैं। हालांकि चुनौतियां हैं, लेकिन संभावनाएं अपार हैं।भारत वेब 3.0 प्रौद्योगिकी के आरंभिक समर्थकों में से एक रहा है। NASSCOM और WazirX की ‘क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री इन इंडिया, 2021′ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 230 से अधिक वेब 3.0 स्टार्ट-अप शुरू भी हो चुके हैं।

Web3 कैसे काम करता है?

Web3 का आधार है Blockchain Technology। इसमें हर चीज़ को एक विकेन्द्रीकृत नेटवर्क पर स्टोर किया जाता है – जैसे क्रिप्टोकरेंसी, NFT, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, आदि।

Blockchain:– Web3 का आधार ब्लॉकचेन तकनीक है जो डेटा को पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से स्टोर करता है।

Cryptocurrency:- Web3 में उपयोगकर्ता टोकन के जरिए लेन-देन करते हैं, जैसे Ethereum, Solana आदि।

Smart Contracts:– ये कोड आधारित डिजिटल अनुबंध होते हैं जो बिना किसी तीसरे पक्ष के स्वचालित रूप से काम करते हैं।खुद-ब-खुद चलने वाले डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट्स जो कोड पर आधारित होते हैं।

dApps (Decentralized Apps):– किसी एक कंपनी के कंट्रोल के ऐप्स – जैसे कि Uniswap, OpenSea, आदि।o

DAOs (Decentralized Autonomous Organizations):– यूजर-ड्रिवन डिजिटल संगठन जिनका कोई CEO या बॉस नहीं होता।

1000053636

♦️ Decentralized (विकेंद्रीकृत): कंट्रोल किसी एक कंपनी के पास नहीं होता।

♦️ Privacy & Security: यूजर का डेटा उसके अपने नियंत्रण में होता है।

♦️ Token-based Economy: क्रिप्टो टोकन के ज़रिए कमाई और इनाम मिलता है।

♦️ Open Source Ecosystem: कोड पब्लिक होता है, कोई भी बदलाव कर सकता है।

क्षेत्रWeb3 उपयोग
बैंकिंग / फाइनेंसDeFi (Decentralized Finance) – बिना बैंक के लोन, सेविंग्स
सोशल मीडियाडीसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म जैसे Lens Protocol
कला और म्यूजिकNFT के माध्यम से डायरेक्ट सेल
गेमिंग Play-to-Earn गेम्स जैसे Axie Infinity
डिजिटल पहचानSelf-Sovereign Identity (SSI) – अपनी पहचान पर खुद का नियंत्रण

तकनीकी ज्ञान की ज़रूरत:- आम यूजर्स के लिए समझना थोड़ा कठिन।

हाई गैस फीस:- Ethereum जैसे नेटवर्क पर ट्रांजैक्शन फीस ज्यादा होती है।

स्केलेबिलिटी की समस्या:- बड़ी संख्या में यूज़र्स को संभालना मुश्किल।

रेगुलेशन की कमी:- सरकारें अभी इसे कैसे नियंत्रित करें, तय नहीं कर पाईं।

धोखाधड़ी की संभावना:- फेक प्रोजेक्ट्स और स्कैम्स भी बढ़े हैं।

Web3 का भविष्य क्या है?

1000053638

  • Web3 का सबसे बड़ा वादा यह है कि इंटरनेट पर अब कंपनियों का एकाधिकार (monopoly) नहीं रहेगा।
  • आने वाले समय में:डेटा पर यूज़र का अधिकार होगा।
  • सोशल मीडिया, बैंकिंग, गेमिंग आदि में यूज़र ही मालिक होंगे।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जनता के वोट से नीतियाँ बनेंगी (DAOs के ज़रिए)।
  • Web3 तकनीक में यूज़र अपने डेटा का पूरा नियंत्रण रखेंगे।
  • पासवर्ड की जगह डिजिटल वॉलेट और डिसेंट्रलाइज्ड आइडेंटिटी (DID) होंगेl
  • डेटा लीक और ट्रैकिंग की घटनाएं कम होंगी।
  • कलाकार NFT के ज़रिए सीधे कमाई करेंगे।
  • गेम खेलने वाले लोग Play-to-Earn मॉडल से पैसे कमा सकेंगे।
  • सोशल मीडिया यूज़र्स को भी कंटेंट बनाने पर टोकन में इनाम मिलेगा।
  • Web3 ऐप्स (dApps) बैंकों, बीमा, एजुकेशन और हेल्थकेयर में तेजी से आएंगे।
  • स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के ज़रिए लोन, इन्वेस्टमेंट, और बीमा बिना किसी बिचौलिए के होंगे।
  • आने वाले समय में Web3 और Metaverse साथ मिलकर वर्चुअल दुनिया को नया रूप देंगे।
  • लोग वर्चुअल जमीन, कपड़े, ऑफिस और दुकानें NFT के रूप में खरीदेंगे।
  • वर्चुअल रियलिटी के ज़रिए ऑफिस, मीटिंग और शॉपिंग का अनुभव बदलेगा
  • पारंपरिक बैंकों की जगह DeFi (Decentralized Finance)सिस्टम आएंगे।
  • दुनिया के करोड़ों Unbanked लोग मोबाइल से वित्तीय सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे।
  • भारत में Web3 स्टार्टअप्स, ब्लॉकचेन डेवलपर्स और NFT क्रिएटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
  • सरकार भी अब Web3 और Blockchain को अपनाने के विकल्प तलाश रही है।खासकर नफार्मिंग, एजुकेशन, हेल्थ और डॉक्युमेंटेशन में Web3 का बड़ा योगदान हो सकता है।
Visit Here:- ज्ञान विज्ञान की बातें 

ब्लॉकचेन क्या है और यह कैसे काम करता हैं (हिंदी)

AI क्या है और इसके कितने प्रकार है?

बिटकॉइन क्या है और ये कैसे काम करता है?

क्रिप्टोटरेडिंग क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?

Leave a Comment