शाही अंदाज में बसा कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल

कोलकाता, जिसे प्यार से “सिटी ऑफ जॉय” कहा जाता है, भारत का एक ऐसा शहर है, जिसे भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है, इतिहास, कला और वास्तुकला का अद्भुत संगम है। यहां की सड़कों से लेकर इमारतों तक हर कोना बीते समय की कहानियां कहता है यहां कई प्रसिद्ध स्थल हैं, लेकिन उनमें से सबसे खास और भव्य है विक्टोरिया मेमोरियल।
सफेद संगमरमर से बनी यह इमारत न सिर्फ ब्रिटिश काल की याद दिलाती है, बल्कि कोलकाता की पहचान भी बन चुकी है। कोलकाता की यात्रा विक्टोरिया मेमोरियल देखे बिना अधूरी मानी जाती है। यह जगह इतिहास प्रेमियों, वास्तुकला के शौकीनों और शांत वातावरण के चाहने वालों के लिए एक आदर्श स्थल है। सफेद संगमरमर से सजी यह शाही इमारत आज भी कोलकाता की शान बनी हुई है।
विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण महारानी विक्टोरिया की स्मृति में किया गया था। 1901 में उनकी मृत्यु के बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्ज़न ने इस स्मारक का प्रस्ताव रखा।यह विचार केवल महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए ही नहीं था, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य की शक्ति और गौरव को भी दर्शाता था। इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर विलियम इमर्सन ने डिज़ाइन किया और 1906 में इसका निर्माण शुरू हुआ।
लगभग 15 वर्षों के बाद 1921 में यह भव्य इमारत बनकर तैयार हुई। सफेद मकराना संगमरमर से निर्मित यह स्मारक आज भी अपनी चमक और शाही अंदाज के लिए मशहूर है।विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता की आत्मा और गौरव का प्रतीक है। यहां आकर न केवल इतिहास से रूबरू हुआ जा सकता है, बल्कि कला, वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लिया जा सकता है।
वास्तुकला की खासियत
यह स्मारक 64 एकड़ में फैला हुआ है और इसके चारों ओर हरे-भरे बगीचे हैं। इसके केंद्रीय गुंबद के ऊपर कांस्य से बनी “एंजल ऑफ विक्ट्री” की मूर्ति लगी है, जो हवा के साथ घूमती है। अंदर एक विशाल संग्रहालय है, जिसमें 25 से अधिक गैलरी हैं। जिनमें ब्रिटिश काल की पेंटिंग, मूर्तियां, पांडुलिपियां और कई ऐतिहासिक वस्तुएं देखी जा सकती हैं।
सुंदर बगीचे और वातावरण
विक्टोरिया मेमोरियल के चारों ओर फैले बगीचे बेहद आकर्षक हैं। इनकी डिजाइनिंग लॉर्ड रेडेसडेल और डेविड प्रेन ने की थी। यहां की हरियाली, फूलों की खुशबू और शांत वातावरण मन को सुकून देता है। पानी में इमारत का प्रतिबिंब पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह जगह सुबह की सैर और फोटोग्राफी के लिए भी आदर्श है।
विक्टोरिया मेमोरियल की सांस्कृतिक महत्व

यह सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी है। यहां नियमित रूप से लाइट एंड साउंड शो, सांस्कृतिक प्रदर्शनी, कला प्रदर्शनियां और ऐतिहासिक व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी सांस्कृतिक सीख और मनोरंजन का साधन हैं। जो कोलकाता के इतिहास को जीवंत कर देता है।
विक्टोरिया मेमोरियल आने का सही समय -जानकारी
विक्टोरिया मेमोरियल हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इससे न केवल कोलकाता का पर्यटन बढ़ता है बल्कि स्थानीय हस्तशिल्प, होटल और परिवहन सेवाओं को भी बढ़ावा मिलता है। यहाँ आने के सही समय और जानकारी निचे दिए गये है –
स्थान: | क्वीन वे, मैदान, कोलकाता |
संग्रहालय समय: | सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (सोमवार बंद) |
बगीचा समय: | सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (सोमवार बंद) |
प्रवेश शुल्क: | भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग, संग्रहालय और बगीचे के लिए अलग शुल्क |
सबसे अच्छा समय: | नवंबर से फरवरी, जब मौसम सुहावना रहता है |
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