पारो घूमने की पूरी गाइड – भूटान की सबसे खूबसूरत घाटी”

पारो: भूटान की शांति और प्रकृति से सजी एक खूबसूरत घाटी

पारो घूमने की पूरी गाइड – भूटान की सबसे खूबसूरत घाटी

पारो घूमने की पूरी गाइड – भूटान की सबसे खूबसूरत घाटी”

पारो भूटान का एक प्रमुख शहर है जो देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। पारो नदी के किनारे बसा यह नगर चारों ओर से हरे-भरे पहाड़ों, धान के खेतों और पारंपरिक भूटानी घरों से घिरा हुआ है, जो इसे एक चित्र-पट जैसा दृश्य प्रदान करता है।

पारो में ही भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है, जिसे दुनिया के सबसे सुंदर और चुनौतीपूर्ण हवाई अड्डों में से एक माना जाता है। जहाँ केवल कुछ अनुभवी पायलट ही विमान उतार सकते हैं।

पारो का प्राकृतिक सौंदर्य

पारो चारों ओर से हरे-भरे पहाड़ों, गहरी घाटियों और शांत वातावरण से घिरा हुआ है। पारो चू (नदी) इस शहर को और भी आकर्षक बनाती है। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है जो प्रकृति की गोद में समय बिताना चाहते हैं।

ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल

पारो में कई ऐतिहासिक किले, मठ और मंदिर हैं जो भूटान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं:

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यह भूटान का सबसे प्रसिद्ध मठ है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। लगभग 3,000 फीट की ऊँचाई से पारो घाटी को निहारता है। यह भूटान का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि गुरु पद्मसंभव यहां एक बाघिन की पीठ पर सवार होकर पहुंचे थे।

यह एक भव्य किला-मठ है जो 17वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह शहर भूटानी संस्कृति, कला और वास्तुकला को बहुत सुंदर तरीके से दर्शाता है। हर साल यहाँ पारो त्सेचू नामक एक धार्मिक उत्सव भी मनाया जाता है, जिसमें पारंपरिक नृत्य, मुखौटे और भव्य परंपराएं देखने को मिलती हैं।

यह एक ऐतिहासिक किला है, जो भूटान की तिब्बत के खिलाफ सैन्य जीत का प्रतीक है।

पारो का संस्कृति और त्योहार जाने

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पारो की संस्कृति पारंपरिक भूटानी शैली को दर्शाती है। यहाँ लोग पारंपरिक पोशाक “घो” और “किरा” पहनते हैं। हर साल आयोजित होने वाला Paro Tsechu एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जिसमें नाच, भक्ति गीत और लोककला का प्रदर्शन होता है।

यहां की स्थानीय बाजार और हस्तशिल्प

पारो बाजार में पारंपरिक भूटानी हस्तशिल्प, बौद्ध मूर्तियाँ, कपड़े और स्मृति चिह्न मिलते हैं। पर्यटक यहाँ से स्थानीय कलाकृतियों को खरीदकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।

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पारो कैसे पहुंचे?(How to reach paro?)

1. हवाई मार्ग (By Air):

♦️ पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Paro International Airport) भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

♦️ यह भारत के कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी और बागडोगरा से सीधे जुड़ा है।

♦️ केवल भूटान की राष्ट्रीय एयरलाइन Druk Air और Bhutan Airlines यहाँ उड़ान भरती हैं।

♦️ यह दुनिया के सबसे खतरनाक और रोमांचक एयरपोर्ट्स में से एक माना जाता है, क्योंकि यह पहाड़ों से घिरा हुआ है।

2. सड़क मार्ग (By Road)

♦️ भारत से भूटान सड़क के माध्यम से भी आसानी से जाया जा सकता है।

♦️ पश्चिम बंगाल के जयगांव (Jaigaon) से भूटान का फुंटशोलिंग (Phuentsholing) सीमा पर स्थित शहर जुड़ा हुआ है।

♦️ जयगांव से फुंटशोलिंग की दूरी पैदल भी तय की जा सकती है (सिर्फ बॉर्डर क्रॉसिंग)।

♦️ फुंटशोलिंग से पारो की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है और इसमें लगभग 5–6 घंटे का समय लगता है।

♦️ टैक्सी, शेयरिंग गाड़ी या बस के माध्यम से पारो पहुँचा जा सकता है।

♦️ रास्ता सुंदर पहाड़ियों, घाटियों और छोटे गाँवों से होकर गुजरता है।

3. रेल मार्ग (By Train – भारत तक)

♦️ पारो में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।

♦️ निकटतम भारतीय रेलवे स्टेशन है Hasimara (पश्चिम बंगाल), जो जयगांव बॉर्डर से लगभग 17 किमी दूर है।

♦️Hasimara तक आप ट्रेन से पहुंचकर फिर टैक्सी या ऑटो से जयगांव और वहां से भूटान में प्रवेश कर सकते हैl

Q.पारो घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

Ans. मार्च से मई और सितंबर से नवंबर तक का समय पारो घूमने के लिए सबसे अनुकूल होता है, जब मौसम सुहावना और दृश्य बेहद सुंदर होते हैं।

Q.पारो में कितने दिन रुकना चाहिए?

Ans. पारो और उसके आसपास की जगहों को अच्छे से देखने के लिए 2 से 3 दिन पर्याप्त होते हैं।

Q. क्या पारो में ठहरने की अच्छी सुविधाएँ हैं?

Ans.हाँ, पारो में बजट से लेकर लग्जरी होटल्स तक कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं। आप होमस्टे, रिसॉर्ट्स और गेस्टहाउस भी चुन सकते हैं।

Q.क्या पारो में भारतीय मुद्रा चलती है?

Ans.हाँ, पारो और भूटान के अन्य हिस्सों में भारतीय रुपये (₹) स्वीकार किए जाते हैं!

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