पटना, बिहार राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है, जो भारत के उत्तरी भाग में गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह शहर अपने समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। पटना का इतिहास लगभग 2500 साल पुराना है और यह प्राचीन काल में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था, जो मगध साम्राज्य की राजधानी था। यह शहर भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। पटना का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है।
यह शहर मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य और अन्य प्राचीन साम्राज्यों का केंद्र रहा है। सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य जैसे महान व्यक्तित्वों ने यहां से शासन किया। पटना बौद्ध और जैन धर्म के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।यहाँ कई दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यदि आप पटना घूमने की योजना बना रहे हैं, तो ये बेहतरीन जगहें आपकी लिस्ट में जरूर होनी चाहिए:-
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1. गोलघर

गोलघर एक ऐतिहासिक ग्रेनरी (अन्न भंडार) है, जिसे 1786 में ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन जॉन गार्स्टिन ने बनवाया था। 125 मीटर चौड़ा और 29 मीटर ऊँचा यह गोलाकार ढांचा शहर का एक प्रमुख आकर्षण है। इसकी चोटी से पटना शहर और गंगा नदी का खूबसूरत दृश्य दिखता है।
गोलघर की ऊँचाई 29 मीटर (96 फीट) है और इसकी दीवारों की मोटाई 3.6 मीटर (12 फीट) है। इसे पूरी तरह ईंट और चूने से बनाया गया है और इसमें कोई स्तंभ या खंभा नहीं है, जिससे यह अंदर से खाली दिखता है। इसमें दो सर्पिलाकार सीढ़ियाँ (145 सीढ़ियाँ) हैं, जो ऊपर तक जाती हैं। इन सीढ़ियों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि मज़दूर एक तरफ से अनाज लेकर ऊपर जाएँ और दूसरी तरफ से खाली लौटें। इसकी संरचना बौद्ध स्तूपों से मिलती-जुलती है।इसकी छत से पटना शहर और गंगा नदी का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है।
गोलघर घूमने का सही समय और टिकट की जानकारी
विवरण | जानकारी |
समय | सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक |
टिकट | नाम मात्र का शुल्क (भारतीयों और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग हो सकता है) |
सबसे अच्छा समय: | सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) |
2. पाटलिपुत्र (कुम्रहार) के खंडहर
पाटलिपुत्र, जिसे आज पटना के नाम से जाना जाता है, प्राचीन भारत की सबसे समृद्ध और शक्तिशाली राजधानी थी। मौर्य और गुप्त साम्राज्य के दौरान यह ज्ञान, कला और प्रशासन का केंद्र था। कुम्रहार, पटना में स्थित, पाटलिपुत्र के प्राचीन खंडहरों का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ पुरातात्विक उत्खनन से मौर्यकालीन स्तंभों, भवनों और सभागारों के अवशेष मिले हैं। सबसे प्रसिद्ध खोज अशोककालीन 80 स्तंभों वाला हॉल है, जिसे मौर्य साम्राज्य की भव्य वास्तुकला का प्रमाण माना जाता है। ये स्तंभ पॉलिश किए गए बलुआ पत्थर के थे और उनकी चमक आज भी प्रभावशाली है।
इसके अलावा, यहाँ मिट्टी की मूर्तियाँ, मौर्यकालीन सिक्के और बौद्ध अवशेष भी मिले हैं। कुम्रहार इतिहास प्रेमियों और पुरातत्वविदों के लिए एक अनमोल खजाना है, जो प्राचीन भारतीय सभ्यता की उन्नति और गौरवशाली अतीत की झलक प्रदान करता है।प्राचीन मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र के अवशेष कुम्रहार में देखे जा सकते हैं। यह जगह इतिहास प्रेमियों के लिए बहुत खास है, जहाँ अशोक कालीन स्तंभों और भवनों के अवशेष मिलते हैं।
3. पटना साहिब गुरुद्वारा

पटना साहिब गुरुद्वारा, जिसे तख्त श्री हरिमंदिर साहिब भी कहा जाता है, सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। यह बिहार की राजधानी पटना में स्थित है और सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान माना जाता है। इस गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने 18वीं शताब्दी में करवाया था। इसकी भव्य वास्तुकला, संगमरमर से बना मुख्य भवन और स्वर्ण मंडित गुंबद इसे एक अद्भुत धार्मिक स्थल बनाते हैं। यहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ी कई पवित्र वस्तुएँ, जैसे उनके हथियार और पवित्र ग्रंथ, संरक्षित हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं, खासकर गुरु पर्व के अवसर पर, जब भव्य आयोजन होते हैं।
गुरुद्वारे में लंगर की व्यवस्था भी रहती है, जहाँ नि:शुल्क भोजन दिया जाता है। यह स्थान न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए आध्यात्मिक शांति का केंद्र है।यह प्रसिद्ध गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान पर बना है। इसे तख्त श्री हरिमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। यह सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहाँ भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
4. बिहार म्यूजियम

बिहार संग्रहालय पटना में स्थित एक आधुनिक और भव्य संग्रहालय है, जिसे 2015 में जनता के लिए खोला गया था। यह संग्रहालय बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और कला को प्रदर्शित करता है। यहाँ प्राचीन मूर्तियाँ, पेंटिंग्स, हथकरघा वस्त्र, ऐतिहासिक दस्तावेज और अन्य बहुमूल्य धरोहरें संग्रहीत हैं।
विशेष रूप से, यहाँ मौर्य और गुप्त काल की उत्कृष्ट कलाकृतियाँ देखी जा सकती हैं। बच्चों के लिए एक इंटरैक्टिव गैलरी भी है, जो शिक्षा और मनोरंजन का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। बिहार संग्रहालय राज्य की गौरवशाली परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
5. पटना म्यूजियम

पटना संग्रहालय बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है। इसकी स्थापना 3 अप्रैल 1917 को ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी, जिससे यह बिहार का सबसे पुराना संग्रहालय बन गया। इसे ‘जादूघर’ के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ प्राचीन मूर्तियाँ, पांडुलिपियाँ, सिक्के, चित्रकला, हथियार, तथा प्राकृतिक इतिहास से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तुएँ संग्रहित हैं। संग्रहालय में भगवान बुद्ध की पाटलिपुत्र कालीन दुर्लभ अस्थियां भी संरक्षित हैं, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
यहाँ की प्रमुख विशेषताओं में दीदारगंज यक्षिणी की भव्य मूर्ति, मौर्य और गुप्त कालीन अवशेष, तथा राजपूत एवं मुगल काल की पेंटिंग्स शामिल हैं। पटना संग्रहालय ज्ञान और इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ भारतीय संस्कृति और सभ्यता की झलक देखने को मिलती है।अगर आप इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखते हैं, तो पटना म्यूजियम जरूर जाएँ। यहाँ सम्राट अशोक, मौर्य और गुप्त काल की कई मूर्तियाँ, पेंटिंग्स और दुर्लभ कलाकृतियाँ संग्रहित हैं।
6. संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू)

संजय गांधी जैविक उद्यान, जिसे पटना चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इसकी स्थापना 1973 में हुई थी और यह भारत के प्रमुख चिड़ियाघरों में से एक है। यह उद्यान वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था। यहाँ शेर, बाघ, हाथी, गैंडा, हिमालयी भालू, दरियाई घोड़ा और विभिन्न प्रकार के पक्षी व सरीसृप पाए जाते हैं। उद्यान में एक सुंदर झील भी है, जहाँ नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है। बच्चों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक शानदार स्थान है, जहाँ वे जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हरे-भरे वातावरण, वॉकिंग ट्रेल्स और वन्यजीवों की प्रचुरता इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाती है।
संजय गांधी जैविक उद्यान पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।अगर आप प्रकृति और वन्यजीव प्रेमी हैं, तो पटना का यह चिड़ियाघर आपको बहुत पसंद आएगा। यहाँ बहुत सारे जीव और कई अन्य वन्यजीव देखे जा सकते हैं। बच्चों के लिए बोटिंग और टॉय ट्रेन की भी सुविधा है।
7. अगम कुआँ

अगम कुआँ पटना के सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है, जिसका ऐतिहासिक, धार्मिक और स्थापत्य महत्व है। यह कुआँ मौर्य काल से जुड़ा हुआ है और इसे सम्राट अशोक के जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना का साक्षी माना जाता है। कहा जाता है कि अशोक ने अपने भाइयों की हत्या के बाद उनके शवों को इसमें फिंकवा दिया था, जिससे यह रहस्यमय बन गया। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस कुएँ का पानी कभी नहीं सूखता और इसका जल अद्भुत गुणों से भरपूर माना जाता है।अष्टकोणीय आकृति में बना यह कुआँ लाल ईंटों से निर्मित है और इसकी बनावट प्राचीन भारतीय वास्तुकला की विशेषताओं को दर्शाती है।
इसके पास ही शीतला माता का मंदिर स्थित है, जहाँ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थल ऐतिहासिक शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। अगम कुआँ बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल हिस्सा है।
8. गांधी मैदान

गांधी मैदान पटना का एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल है, जिसे बिहार की राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। यह मैदान शहर के मध्य में स्थित है और इसका ऐतिहासिक महत्व स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जयप्रकाश नारायण, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने यहाँ से जनसभाएँ की थीं। पहले इसे बैंकिपुर मैदान कहा जाता था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद इसका नाम गांधी मैदान रखा गया।यह विशाल मैदान विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं।
मैदान के केंद्र में महात्मा गांधी की भव्य प्रतिमा स्थापित है, जो आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। सुबह-शाम लोग यहाँ टहलने और व्यायाम करने आते हैं। गांधी मैदान केवल एक मैदान नहीं, बल्कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। गांधी मैदान का क्षेत्रफल लगभग 60 एकड़ में फैला हुआ है और यह पटना के सबसे बड़े खुले स्थानों में से एक है। इसका आकार आयताकार है और चारों ओर सड़कों से घिरा हुआ है
9. महावीर मंदिर

महावीर मंदिर, पटना, बिहार का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और हर दिन हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर अति प्राचीन है, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप 20वीं शताब्दी में स्वामी बासुदेवानंद सरस्वती द्वारा विकसित किया गया।
महावीर मंदिर को उत्तर भारत के सबसे प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां भक्तों की आस्था इतनी गहरी है कि विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर में ‘महावीर कैंसर संस्थान’ भी संचालित किया जाता है, जो गरीब और जरूरतमंद रोगियों की सेवा करता है। महावीर मंदिर अपनी प्रसिद्ध ‘नैवेद्यम’ प्रसाद के लिए भी जाना जाता है, जिसे तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जाता है।भक्तों की अपार आस्था के कारण इसे उत्तर भारत के प्रमुख हनुमान मंदिरों में गिना जाता है।
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10. गंगा घाट

गंगा घाट, पटना, बिहार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे ये घाट न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं। पटना के प्रमुख घाटों में गांधी घाट, काली घाट, गुलबी घाट, और कृष्णा घाट शामिल हैं। गांधी घाट पर हर शाम गंगा आरती का भव्य आयोजन होता है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। छठ पूजा के दौरान ये घाट श्रद्धालुओं से भर जाते हैं, जब भक्त गंगा में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
गंगा नदी के किनारे बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है, जिससे पटना शहर का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है। इन घाटों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व होने के कारण वे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।गंगा नदी के किनारे बसे पटना के घाट धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। गांधी घाट पर हर शाम गंगा आरती होती है, जो बहुत ही भव्य और सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती हैl
11. इको पार्क(Eco Park)

इको पार्क, जिसे “राजधानी वनस्पति उद्यान” भी कहा जाता है, पटना के सबसे खूबसूरत और आधुनिक पार्कों में से एक है। यह पार्क पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विकसित किया गया था। 15 अक्टूबर 2011 को इसका उद्घाटन किया गया, और तब से यह पटना के नागरिकों और पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
इको पार्क पटना के जवाहरलाल नेहरू मार्ग (बेली रोड) पर स्थित है, जो कि बिहार विधान सभा और सचिवालय से काफी नजदीक है। यह पार्क लगभग 44.5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें करीब 1,445 मीटर का जॉगिंग और वॉकिंग ट्रैक मौजूद है।इको पार्क पटना में घूमने के लिए एक शानदार जगह है। यहाँ हरियाली, झील, साइकलिंग ट्रैक और बच्चों के लिए प्ले ज़ोन उपलब्ध हैं। यह पिकनिक और परिवार के साथ समय बिताने के लिए एक बेहतरीन जगह है।
टिकट और समय:-
विवरण | जानकारी |
समय | सुबह 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक |
टिकट | दर ₹20 प्रति व्यक्ति (वयस्क) और ₹10 प्रति बच्चा |
बोटिंग | शुल्क ₹50-₹100 प्रति व्यक्ति (बोट के प्रकार के अनुसार) |
साप्ताहिक अवकाश | कोई नहीं (सालभर खुला रहता है) |
12. श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र

श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र (Shree Krishna Science Centre) पटना का एक प्रमुख विज्ञान संग्रहालय है, जो विज्ञान और तकनीक में रुचि रखने वालों के लिए एक बेहतरीन स्थान है। यह केंद्र भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM) के तहत संचालित होता है। इसका नाम बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के नाम पर रखा गया है। विज्ञान को रोचक और व्यावहारिक रूप से समझाने के उद्देश्य से यह केंद्र 1978 में स्थापित किया गया था। यह विज्ञान प्रेमियों के लिए एक दिलचस्प स्थान है। यहाँ विज्ञान से जुड़ी कई इंटरैक्टिव गैलरी और 3D शो उपलब्ध हैं, जो बच्चों और युवाओं को आकर्षित करते हैं।
मुख्य आकर्षण:-
- 1. इंटरैक्टिव साइंस गैलरी (Interactive Science Gallery)
- 2. फन साइंस गैलरी (Fun Science Gallery)
- 3. प्रकाश गैलरी (Light Gallery)
- 4. 3D थिएटर (3D Science Show)
- 5. डायनासोर पार्क (Dinosaur Park)
- 6. तरंग विज्ञान गैलरी (Energy Ball Show)
- 7. खगोल विज्ञान गैलरी (Astronomy Gallery)
- 8. इनोवेशन हब (Innovation Hub)
घूमने का समय:–
समय | सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक |
साप्ताहिक अवकाश | होली और दिवाली को छोड़कर हर दिन खुला रहता है |
प्रवेश शुल्क | ₹25 (वयस्क) और ₹15 (बच्चों के लिए |
3D शो टिकट | ₹20 प्रति व्यक्ति |
ग्रुप डिस्काउंट | स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए विशेष छूट उपलब्ध है |
कुछ और जानने योग्य बाते:–
पटना में P&M मॉल, सिटी सेंटर मॉल और फन सिनेमा जैसे स्थान मनोरंजन, शॉपिंग और डाइनिंग के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। ये मॉल्स शहर के युवाओं और परिवारों के लिए एक शानदार वीकेंड डेस्टिनेशन बन चुके हैं। पटना में इन स्थानों के अलावा भी कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं जो इस शहर की समृद्ध विरासत और संस्कृति को दर्शाते हैं। यहां की यात्रा करके आप ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।